Haan, Nahi ya Maloom nahi ?

Gaurav Dubey
1 min readJun 17, 2020

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Picture credits : News18

आज कोई चुटकुला नहीं है सुनाने को,
सुशांत चला गया, मालूम तो है ज़माने को।
कुछ रिश्ता था क्या मेरा उससे?

हां, नहीं, मालूम नहीं।

कलाकार से अक्सर मिलना होता नहीं,
किरदार से हां, रिश्ता जरूर बन जाता है।
एम एस धोनी का वो फाइनल सीन,
आज भी रोमांच भर जाता है।
काई पो चे का ईशान, या केदारनाथ का मंसूर — याद है तुम्हे?

हां, नहीं, मालूम नहीं।

हर किरदार बंदे का, आँख बंद करते ही याद आ जाता है।
कुछ और कोशिश कर सकता था क्या सुशांत?
ये सवाल पूछने का भी अब कोई फायदा है?

हां, नहीं, मालूम नहीं।

अपने आस पास के मुस्कुराते चेहरे खंगाल लो,
कोई और दर्द तो आस पास लिए नहीं बैठा है?
आखिरी बार किसने कहा तुमसे, खाली रहना तो बात करेंगे।

याद है तुम्हे?
हां, नहीं, मालूम नहीं।

मुस्कुराए जो वो शख्स, जरूरी नहीं खुश बैठा हो,
दिखने में आपके, मेरे जैसा हो।
एक कोशिश करना चाहोगे?
एकाध छुट्टी ले के, किसी को दिन भर सुनना चाहोगे?

हां ? नहीं ?

या अब भी मालूम नहीं??

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Gaurav Dubey
Gaurav Dubey

Written by Gaurav Dubey

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